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Monthly Archives: दिसम्बर 2006
मरणा, काय तुझा तेगार!
तेगार हा एक अस्सल कोल्हापुरी शब्द आहे. तेगार म्हणजे तोरा, मस्ती. ‘अवकाळी पावसानं घट्मुट झालेली जमीन बगून यदुबा मनात म्हनाला, “काय तुजा तेगार! माजं हौशा-नकऱ्या दोन तासात उलटंपालटं करुन टाकत्याल तुला!” अशा संदर्भात तो वापरला जातो. हौशा-नकऱ्या ही बैलांची नावं. … पढना जारी रखे
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