-
पुरालेख
- जनवरी 2014
- सितम्बर 2013
- जून 2012
- अप्रैल 2012
- नवम्बर 2011
- जुलाई 2011
- मई 2011
- अप्रैल 2011
- मार्च 2011
- जनवरी 2011
- दिसम्बर 2010
- मई 2010
- फ़रवरी 2010
- नवम्बर 2009
- अक्टूबर 2009
- अगस्त 2009
- जुलाई 2009
- जून 2009
- मई 2009
- अप्रैल 2009
- मार्च 2009
- दिसम्बर 2008
- सितम्बर 2008
- अगस्त 2008
- जुलाई 2008
- जून 2008
- मई 2008
- मार्च 2008
- फ़रवरी 2008
- अक्टूबर 2007
- सितम्बर 2007
- अगस्त 2007
- जून 2007
- मई 2007
- अप्रैल 2007
- मार्च 2007
- फ़रवरी 2007
- दिसम्बर 2006
- अक्टूबर 2006
- सितम्बर 2006
-
मेटा
Monthly Archives: अप्रैल 2011
अनुभव
’तुम्ही काही म्हणा सर, दोन हजार वीस साली भारत ही महासत्ता होणार. होणार म्हणजे होणारच. हां, आता अगदी दोन हजार वीस म्हणजे शब्दश: धरु नका तुम्ही, पाचदहा वर्षं इकडंतिकडं. पण होणार. ही अगदी काळ्या दगडावरची रेघ आहे म्हणून समजा…’ मी … पढना जारी रखे
Uncategorized में प्रकाशित किया गया
5 टिप्पणियां