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Monthly Archives: अप्रैल 2012
एका खेळियाने
दिलीप प्रभावळकरांच्या’एका खेळियाने’ ची सुधारित आवृत्ती नुकतीच वाचनात आली.’अक्षर प्रकाशन’ च्या या आवृत्तीत प्रभावळकरांनी त्यांच्या ‘वा गुरु!’ या अगदी अलीकडच्या नाटकापर्यंतचा त्यांच्या रंगमंच आणि चित्रपटसृष्टीतल्या वाटचालीचा आढावा घेतला आहे. ‘दिलीप प्रभावळकरसारखा आर्टिस्ट जर तिकडे (पाश्चिमात्य देशांत ) असता तर त्यानं … पढना जारी रखे
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